Saturday, January 4, 2020

वो ईंटो की वीक्‍टे वो टूटा सा बल्ला
वो गलियों की रौनक वो अपना महेल्ला
वो जेबों में सिक्के मचाते थे शोर 
अमीरी के दिन वो मिट्टी का गल्ला 
ऐ बचपन बता तू कहा खो गया है 
या बता की अब तू बड़ा हो गया है 
                               ~ unknown

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