शहर मेरा आज गाँव हो गया हैपड़ोसी कौन है मालूम हो गया हैगाड़ी मोटर की आवाज नही हैपंछियों की आवाज से सवेरा हो गया है।सड़को के दर्द को महसूस कर रहा हूँपेड़ पौधों को सुकून की सांस दे रहा हूँदौड़ भाग भरी जिंदगी मे सुकून हो गया है।सुनो शहर मेरा आज गाँव हो गया है।वो कूकर की सीटियां सुन रहा हूँवो छत पे झगड़ते बच्चो को देख रहा हूँपेड पे हिलते पत्तों की आवाज सुन रहा हूँबहती हवाओं का भी एहसास हो गया है।शहर मेरा आज गाँव हो गया है।आज समझ आ रहा है दो निवाले ही बहुत थेगाड़ी बंगला सब फिज़ूल ही तो हैदेखा देखी मे क्या क्या जाने जोड़ दिया है।यार शहर मेरा आज गाँव हो गया है।समझूँगा बैठ कर विज्ञान ने क्या जिंदगी आसान बनायी है ?पसीना बहाना छोड़ कर पसीना आना सिखाया है।कुदरत से कहीं खिलवाड़ ज्यादा तो नही हो गया हैयार शहर मेरा आज गाँव हो गया है।महामारी से निपटने को सब साथ खड़े हो गये है।हम सब खुद को भूल आज अपनो के लिये लड़ रहे है।ये अपनापन दिल को आज सुकून दे गया है।यार शहर मेरा आज गाँव हो गया है।
Sunday, March 29, 2020
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
प्यार का एहसास न बहुत प्यारा होता एक दूसरे से expectation भी बहुत होती है । मेरा व्यवहार उसके लिए सबसे अलग था मुझे ये लगा था कि मैं जैसा ह...
-
मेरी आंख से तेरा गम छलक तो नहीं गया तुझे ढूंढ कर कहीं मैं भटक तो नहीं गया यह जो इतने प्यार से देखता है तू आजकल मेरे दोस्त तू कहीं मुझसे थक...
-
लो कर लेते हम ही पहल , कि ये सब हुआ क्यों है ये रिश्ता जरा सी जिद की खातिर बदनुमा क्यों है यूं तो रोज सवाल उठते है मेरे अल्हड़ और वफाई पर ...
-
Itna pukara tujhko ki meri sans ful gyi Barsat huyi nhi aur meri tasveer dhul gyi Chad bate hi to huyi h darmiyan hamare Itni jldi kya thi...
No comments:
Post a Comment