Sunday, March 29, 2020

शहर मेरा आज गाँव हो गया है
पड़ोसी कौन है मालूम हो गया है 

गाड़ी मोटर की आवाज नही है 
पंछियों की आवाज से सवेरा हो गया है।
सड़को के दर्द को महसूस कर रहा हूँ
पेड़ पौधों को सुकून की सांस दे रहा हूँ
दौड़ भाग भरी जिंदगी मे सुकून हो गया है।

सुनो शहर मेरा आज गाँव हो गया है।

वो कूकर की सीटियां सुन रहा हूँ 
वो छत पे झगड़ते बच्चो को देख रहा हूँ 
पेड पे हिलते पत्तों की आवाज सुन रहा हूँ 
बहती हवाओं का भी एहसास हो गया है।

शहर मेरा आज गाँव हो गया है।

आज समझ आ रहा है दो निवाले ही बहुत थे 
गाड़ी बंगला सब फिज़ूल ही तो है 
देखा देखी मे क्या क्या जाने जोड़ दिया है।

यार शहर मेरा आज गाँव हो गया है।

समझूँगा बैठ कर विज्ञान ने क्या जिंदगी आसान बनायी है ?
पसीना बहाना छोड़ कर पसीना आना सिखाया है।
कुदरत से कहीं खिलवाड़ ज्यादा तो नही हो गया है 

यार शहर मेरा आज गाँव हो गया है।

महामारी से निपटने को सब साथ खड़े हो गये है।
हम सब खुद को भूल आज अपनो के लिये लड़ रहे है। 
ये अपनापन दिल को आज सुकून दे गया है।

यार शहर मेरा आज गाँव हो गया है।

Sunday, March 22, 2020

Logo Ki Aukat Dekhni Hai 
To .....
kuch din ke liye 
nikamme ban jao
Sare rishtey khud-b-khud
 samne aa jayenge.......|

Tuesday, March 17, 2020

आदमी को पहचानने की......
 एक ये भी 'निशानी' है 
बोलने का तरीका ही बता देता है,
कौन खानदानी है  | |

Monday, March 9, 2020

एक दिन  महिला दिवस मनाया
दुसरे दिन होलिका को जलाया
तीसरे दिन  उसका जश्न मनाया 
चौथे दिन मै आराम से सोया 
वाह भाई वाह क्या बात है 
 बोलो मुर्गाभात है मुर्गाभात है
महिला को मजबूत बनाना है 
झूमकर आज  होली जलाना है 
कल तो माहौल रंगीन बनाना है 
अगले साल भी उसे जलाना है 
वाह भाई वाह क्या बात है 
बोलो मुर्गाभात है मुर्गाभात है

 प्यार का  एहसास न बहुत प्यारा होता एक दूसरे से expectation भी बहुत होती है । मेरा व्यवहार उसके लिए सबसे अलग था मुझे ये लगा था कि मैं जैसा ह...