प्यार कर
पत्थर का था यार मेरा, पत्थरों से प्यार कर
मोहब्बत एक इबादत है, इंसानों से प्यार कर
सारी दुनिया मतलबी है, मेरे दोस्त
अहिंसा के पुजारी जैसे, रत्न से प्यार कर
तू नहीं समझता क्यू मुझे,क्या करू
यार अब तू भी मुझे, मुझ जैसा प्यार कर
प्यार का भूखा है ये अंशुल, सुन ले मेरे दोस्त
जिन्दगी है तू मेरी, तू खुदी से प्यार कर
⤘अंशुल
No comments:
Post a Comment