मौसम इस कदर बदल जायेंगा सोचा न था
भरी धुप में बादल बरस जायेंगा सोचा न था
और इस कदर रूठ गया ओ हमसे इतने दिन
मेरे भी कुछ ख्वाब अधूरे रह जायेंगे सोचा न था |
घुटन सी हो रही थी उसे फिर भी मैं पास जा रहा था
मैं खुद ही रूठ गया पर उसे मनाए जा रहा था
छोटा सा जख्म नासूर बन गया मेरे लिए
ओ मेरे संसार से तंग आ गया थे और मैं जिए जा रहा था |
प्यार का एहसास न बहुत प्यारा होता एक दूसरे से expectation भी बहुत होती है । मेरा व्यवहार उसके लिए सबसे अलग था मुझे ये लगा था कि मैं जैसा ह...