Wednesday, September 8, 2021

 मौसम इस कदर बदल जायेंगा सोचा न था 

भरी धुप में बादल बरस जायेंगा सोचा न था 

और इस कदर रूठ गया ओ हमसे इतने दिन 

मेरे भी कुछ ख्वाब अधूरे रह जायेंगे  सोचा न था |

Love

घुटन सी हो रही थी उसे फिर भी मैं पास जा रहा था

मैं खुद ही रूठ गया पर उसे मनाए जा रहा था 

छोटा सा जख्म नासूर बन गया मेरे लिए 

ओ मेरे संसार से तंग आ गया थे और मैं जिए जा रहा था  |

 प्यार का  एहसास न बहुत प्यारा होता एक दूसरे से expectation भी बहुत होती है । मेरा व्यवहार उसके लिए सबसे अलग था मुझे ये लगा था कि मैं जैसा ह...