एक कड़वा सच
“अगर आप रास्ते पर चल रहे है और आपको पत्थर की मुर्तिया दिखें
1) भगवान राम की
और
2)रावण की
और
2)रावण की
अब यदि आपको कहा जाए कि कोई एक मुर्ति उठाओं
तो अवश्य आप राम की मूर्ति उठा कर घर लेके जाओगे…
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क्यों की राम सत्य, निष्ठा, सकारात्मकता के प्रतिक हे और रावण नकारात्मकता का प्रतिक हे।
तो अवश्य आप राम की मूर्ति उठा कर घर लेके जाओगे…
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क्यों की राम सत्य, निष्ठा, सकारात्मकता के प्रतिक हे और रावण नकारात्मकता का प्रतिक हे।
****यह उदाहरण फिरसे दोहराया जाये*****
यदि आप रास्ते पर चल रहे हो और दो मुर्तिया मिले – राम और रावण की
पर अगर “राम की मूर्ति पत्थर” की और “रावण की सोने “की हो
अब एक मूर्ति उठाने को कहा जाए तो
आप राम की मूर्ति छोड़ कर रावण की सोने की मूर्ति ही उठाओगे….
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मतलब
हम सत्य और असत्य, सकारात्मक और नकारात्मक अपनी सुविधा और लाभ के अनुसार तय करते हे।




यदि आप रास्ते पर चल रहे हो और दो मुर्तिया मिले – राम और रावण की
पर अगर “राम की मूर्ति पत्थर” की और “रावण की सोने “की हो
अब एक मूर्ति उठाने को कहा जाए तो
आप राम की मूर्ति छोड़ कर रावण की सोने की मूर्ति ही उठाओगे….
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मतलब
हम सत्य और असत्य, सकारात्मक और नकारात्मक अपनी सुविधा और लाभ के अनुसार तय करते हे।
95% लोग भगवान को सिर्फ लाभ एवं डर की वजह से ही पूजते है. 
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और इस बात से वह 99% लोग भी सहमत होंगे
मगर शेअर नही करेंगे…
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और इस बात से वह 99% लोग भी सहमत होंगे
मगर शेअर नही करेंगे…
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सबसे बड़ा रोग, क्या कहेंगे लोग…
***Eng. : Sabse Bada ROG… Kya Kahenge LOG…
***Eng. : Sabse Bada ROG… Kya Kahenge LOG…
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