Wednesday, June 3, 2020

अकेले में

बड़ी फुर्सत से, खुद से बेपर्दा होने को 
सफेद पन्नो पर अपनी कलम गुजरता हुँ।
कही पे बैठ के हँसना, कही बैठ के रोना 
दोगली मैं अपनी जिंदगी गुजरता हुँ।

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